विश्राम का वास्तविक अर्थ || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2014)

2019-11-24 3

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
३ सितम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

सूत्र ( अध्याय-१८ सूत्र-४४)
मुमुक्षोर्बुद्धिरालंब-मन्तरेण न विद्यते।
निरालंबैव निष्कामा बुद्धिर्मुक्तस्य सर्वदा॥

प्रसंग:
जीवन थकानपूर्ण क्यों है?
क्यों बोरियत और थकान साथ-साथ चलते हैं?
विश्राम कैसे पाएं?
वास्तविकता से कैसे रू-बरू हों?

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